Patanjali Contempt Notice: Supreme Court ने एक बार फिर Patanjali Ayurved के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। Court ने कंपनी द्वारा प्रकाशित ‘भ्रामक स्वास्थ्य विज्ञापनों’ को लेकर कंपनी पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, यानी पतंजलि अब इस तरह के विज्ञापन नहीं दिखा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि और इसके Managing Director (MD) आचार्य बालकृष्ण को अवमानना का नोटिस जारी किया है।
क्या है गिरावट का कारण?
Supreme Court द्वारा जारी किया गया अवमानना नोटिस, जिसने ‘Misleading Ad‘ विज्ञापनों के प्रकाशन पर रोक लगा दी है, को निवेशकों द्वारा कंपनी की ब्रांड छवि और भविष्य की कमाई पर नकारात्मक प्रभाव के रूप में देखा गया है। जिसका असर आज भारतीय शेयर बाजार मे भी दिखा। Patanjali Ayurved के शेयर मे आज 4% गिरावट दर्ज की।
क्या है मामला?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने Supreme Court में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में, पतंजलि के ऐसे विज्ञापनों पर आपत्ति जताई गई थी जिनमें कोरोना जैसी गंभीर बीमारियों के ‘इलाज’ का दावा किया गया है और एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
Patanjali Contempt Notice: क्यों नाराज है सुप्रीम कोर्ट?
- Supreme Court ने इस मामले पर कार्रवाई करते हुए सरकार से भी पूछा कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
- कोर्ट का कहना है कि सरकार अपनी “आंखें बंद करके बैठी है” और पतंजलि द्वारा “पूरे देश को गुमराह” किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि आयुष मंत्रालय और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
- पिछले साल भी Supreme Court ने Paanjali Misleading Ad दिखाने के मामले में चेतावनी दी थी।
क्या है सजा?
Supreme Court के आदेश का उल्लंघन होने पर कोर्ट अवमानना के तहत सजा दे सकता है। इसमें जुर्माना, जेल या फिर दोनों सजाएं शामिल हो सकती हैं।
आगे की कार्यवाही Supreme Court ने पतंजलि को आदेश दिया है कि भ्रामक जानकारी देने वाली अपनी दवाओं के सभी इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट विज्ञापनों को हटाए। मामले की आगे की कार्रवाई के लिए सुनवाई की तारीख तय की जाएगी।