UNESCO World Heritage Site: विश्व धरोहर स्थल ऐसे अद्वितीय और असाधारण स्थान होते हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा मानवता के लिए असाधारण सार्वभौमिक मूल्य (Outstanding Universal Value) रखने वाले माना जाता है।
विश्व धरोहर स्थलों का चयन:
- सांस्कृतिक धरोहर: स्मारक, भवन, पुरातत्व स्थल, समूह, परिदृश्य और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल।
- प्राकृतिक धरोहर: प्राकृतिक विशेषताएं, भौगोलिक संरचनाएं, और प्राकृतिक सुंदरता वाले क्षेत्र।
- मिश्रित धरोहर: सांस्कृतिक और प्राकृतिक विशेषताओं का संयोजन।
UNESCO World Heritage Site मानवता की अमूल्य संपदा हैं, जो हमारी साझा विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं और विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
UNESCO World Heritage Site चयन प्रक्रिया:
यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों का चयन एक कठोर और विस्तृत प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है।
1. नामांकन (Nomination):
- किसी देश द्वारा अपने क्षेत्र में स्थित स्थलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए नामांकित किया जाता है।
- नामांकन प्रक्रिया में स्थल का विवरण, मूल्य का आकलन और प्रबंधन योजना शामिल होती है।
2. मूल्यांकन (Evaluation):
- नामांकित स्थलों का मूल्यांकन स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है, जो उनकी सार्वभौमिकता, प्रामाणिकता और अखंडता का आकलन करते हैं।
- विशेषज्ञों की सिफारिशें विश्व धरोहर समिति को प्रस्तुत की जाती हैं।
3. विश्व धरोहर समिति का निर्णय (Decision by the World Heritage Committee):
- विश्व धरोहर समिति, जो 21 देशों के प्रतिनिधियों से बनी है, नामांकित स्थलों पर विचार करती है और निर्णय लेती है कि उन्हें विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाए या नहीं।
- समिति का निर्णय अंतिम होता है।
विश्व धरोहर स्थलों के लिए मानदंड (Criteria for World Heritage Sites):
- सांस्कृतिक धरोहर:
- मानव रचनात्मक प्रतिभा का उत्कृष्ट कृति होना।
- किसी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक अवधि, संस्कृति या सभ्यता का महत्वपूर्ण गवाह होना।
- किसी विशिष्ट सांस्कृतिक परंपरा, वास्तुशिल्प या कला तकनीक का उत्कृष्ट उदाहरण होना।
- किसी मानव मूल्य या विचारधारा का असाधारण और ठोस प्रमाण होना।
- प्राकृतिक धरोहर:
- असाधारण प्राकृतिक सुंदरता और सौंदर्यिक महत्व वाला होना।
- पृथ्वी के इतिहास या भूविज्ञान की महत्वपूर्ण गवाही देना।
- दुर्लभ या लुप्तप्राय प्रजातियों के महत्वपूर्ण प्राकृतिक आवासों का समर्थन करना।
- वैज्ञानिक, संरक्षण या सौंदर्य संबंधी दृष्टि से उत्कृष्ट प्राकृतिक घटनाओं का समावेश करना।
- मिश्रित धरोहर:
- सांस्कृतिक और प्राकृतिक विशेषताओं का असाधारण और ठोस प्रमाण होना।
UNESCO World Heritage Site विश्व धरोहर स्थलों का महत्व:
- मानवता के लिए मूल्य: ये स्थल हमारी साझा विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं और विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।
- संरक्षण: विश्व धरोहर का दर्जा इन स्थलों को नष्ट होने से बचाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने में मदद करता है।
- शिक्षा और जागरूकता: ये स्थल शिक्षा और जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण केंद्र हैं, जो लोगों को पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत के महत्व के बारे में सिखाते हैं।
- पर्यटन: विश्व धरोहर स्थल पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण आकर्षण हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को लाभान्वित करते हैं और लोगों को विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव करने का अवसर प्रदान करते हैं।
भारत में विश्व धरोहर स्थल:
भारत में 49 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें 39 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 3 मिश्रित स्थल शामिल हैं। इनमें ताजमहल, लाल किला, हम्पी, एलोरा की गुफाएं, और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जैसे प्रसिद्ध स्थल शामिल हैं।
भारत में 49 विश्व धरोहर स्थल हैं, जो विभिन्न संस्कृतियों, सभ्यताओं और प्राकृतिक सुंदरता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सांस्कृतिक धरोहर स्थल:
- ताजमहल (आगरा, उत्तर प्रदेश): मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया गया एक शानदार मकबरा।
- लाल किला (दिल्ली): मुगल साम्राज्य की राजधानी के रूप में 200 वर्षों तक सेवा करने वाला एक ऐतिहासिक किला।
- हम्पी (कर्नाटक): विजयनगर साम्राज्य की प्राचीन राजधानी, जिसमें मंदिर, महल और अन्य स्मारक शामिल हैं।
- एलोरा की गुफाएं (महाराष्ट्र): हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों से जुड़ी 34 प्राचीन गुफाएं।
- खजुराहो (मध्य प्रदेश): कामुक मूर्तियों और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध मंदिरों का समूह।
प्राकृतिक धरोहर स्थल:
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम): एक सींग वाले गैंडे और अन्य वन्यजीवों का घर।
- मानस राष्ट्रीय उद्यान (असम): बाघों, हाथियों और अन्य वन्यजीवों का घर।
- सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान (पश्चिम बंगाल): रॉयल बंगाल टाइगर और अन्य वन्यजीवों का घर।
- नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड): नंदा देवी चोटी और अन्य हिमालय की चोटियों का घर।
- पश्चिमी घाट (कई राज्यों में फैले हुए): जैव विविधता से भरपूर पहाड़ी श्रृंखला।
मिश्रित धरोहर स्थल:
- जामा मस्जिद और कुतुब मीनार (दिल्ली): इस्लामी और हिंदू वास्तुकला का मिश्रण।
- माहाबलीपुरम (तमिलनाडु): 7वीं और 8वीं शताब्दी के मंदिरों और स्मारकों वाला तटीय शहर।
- कोच्चि (केरल): चीनी, पुर्तगाली और डच प्रभावों वाला ऐतिहासिक बंदरगाह शहर।
यह भारत में 49 विश्व धरोहर स्थलों में से कुछ ही हैं। ये स्थल भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति का प्रतीक हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किए जाने चाहिए।
विश्व धरोहर स्थलों के बारे में अधिक जानकारी:
- यूनेस्को विश्व धरोहर वेबसाइट: https://whc.unesco.org/en/
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण: https://asi.nic.in/
विश्व धरोहर स्थल मानवता की अमूल्य संपत्ति हैं। इनकी रक्षा और संरक्षण करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक सामान्य अवलोकन है और विश्व धरोहर स्थलों से जुड़े विशिष्ट मानदंडों और प्रक्रियाओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए आपको यूनेस्को की वेबसाइट या संबंधित संगठनों से संपर्क करना चाहिए।